एक गांव था। उस गांव का नाम रामपुर था उस गांव में सुनीता नाम की लड़की रहती थी। वह जादू टोना करती थी। वह बच्चो को जादू से अपने बस में कर के उनकी बलि दे देती थी।
और किसी को पता नहीं चलता था। यह बात किसी को भी नहीं पता थी की सुनीता जादू टोना करती है। धीरे धीरे रामपुर गांव के बच्चे काम होने लगे।
सुनीता धीरे धीरे करके सरे बच्चो को मरती जा रही थी। गांव बाले बोहोत परेशान थे। उन्हें पता नहीं चल पा रहा था की ऐसा कौन कर रहा है।
जितने छोटे बच्चे थे सुनीता एक एक कर के उन सरे बच्चो को मरती जा रही थी।
तब गांव वालो ने रत में पहरा देने लगे। क्योकि सुनीता रात में ही बच्चो को बस में करती थी।
जब गांव में गांव वालो ने पहरा देना चालू किया तो सुनीता को मालूम पड़ा। की गांव वाले पहरा देना चालू किये है। तो सुनीता ने बच्चो को ले जाना काम किया।
लेकिन सुनीता की जादू टोने वाली बिधि पूरी नहीं हो पा रही थी। तो सुनीता ने बच्चो को चोरी करने का निश्चय किया।
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