नमस्कार दोस्तों आज फिर मै आपकी सेवा में हाजिर हू। मेरा नाम कौशलेन्द्र कुमार है। मै आज सच्ची प्रेरणादायक कहानी लेकर आया हूँ। किसी कारण से मै उनका नाम नहीं बता सकता हूँ उसके लिए मै आपसे माफी मांगता हू। पर ये सच्ची कहानी है और सच्चा संघर्ष है उनके जीवन का। बड़े ध्यान से सुनना सायद उन्होंने अपनी कहानी आपको सुनाई हो।

एक गांव में दो लड़के रहते हैं। वे बड़े गरीब थे। वो दोनों भाई थे। उनके पिता भी बहुत गरीब थे की वो एक वक्त का खाना भी सही से नहीं खा पते थे।


दोनों लड़के बड़े होनहार थे। दोनों ने ये सोच रखा था कि हमारे पिता जैसे रहे पर हम लोग कुछ अच्छा करेंगे और अपने जीवन को अच्छा बनायेगे।


यहां तक ​​उनमे से एक लड़के ने अपनी जिंदगी अच्छी करने के लिए उन्होंने सड़क में भी काम किया है। पड़ने के लिए और खाने के लिए पैसे कमाए है।

और दूसरे के पास सही से किताब भी नहीं थी की वह सही से पढ़ाई कर सके पर उस लड़के ने हार नहीं मानी और लगे रहे। वो हाईस्कूल में एक बार फेल भी हुई किताब ना होने के बजह से उनके पास पैसे ही नहीं थे पर वो लगे रहे।


उन्होंने हार नहीं मानी। दूसरी बार में हाईस्कूल उन्होंने कर लिया था। वह भी उनके किसी दोस्त ने एक किताब चुराई थी। उसी में उन्होंने हाईस्कूल पास किया था। Click hear